![Image result for raindrops sunny plant](https://deserthouseofprayer.org/wp-content/uploads/2019/09/raindrop-cropped.jpg)
हां, वो बारिश ही तो था
जो आसमान से उतर के आया था
और ज़िन्दगी के सुखे पड़े बगीचे में
खिला गया कुछ रंग बिरंगे फूलफिर लुटाकर अपना सारा खजाना,थम गया वो एक दिन
पर हां, अभी कुछ बूँदे अटकी हैं, यादें, पत्तो में
मैं इन मोतियों को सजना चाहती हूँ, इन्हें frame करना चाहती हूँ।
पर धीरे धीरे ये टपक रही हैं,
और ये निर्दयी धूप भी तो उड़ा रही हैं इन्हें।
फिर गुम हो जाएंगी कहीं हवाओं में, मिलेंगे नहीं
अब तो मौसम भी खराब है
मुझे डर हैं कोई हवा का झोंका
एक झटके में ना गिरा दे सारी बूंदें|
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